रविवार, 13 मार्च 2022

बुरांस से होने वाले फायदे तथा रोजगार पर गोष्ठी

बुरांस से होने वाले फायदे तथा रोजगार पर गोष्ठी 


आमदानी का स्रोत हैं बुरांस: वृक्षमित्र डा0 सोनी

टिहरी गढ़वाल। जौनपुर विकासखंड के सकलाना पट्टी मरोडा में बुरांस को आमदानी के स्रोत बनाने के लिए वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक चंद्र सोनी के नेतृत्व में युवाओं को बुरांस से होने वाले फायदे तथा रोजगार से जोड़ने के लिए गोष्ठी का आयोजन किया।
वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक चंद्र सोनी कहते हैं कि प्रकृति की अनोखी छटा देखनी हैं तो उत्तराखंड के पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्रों में आइये, जहां मनमोहक दृश्य के साथ यहां उगने वाले पेड़ पौधे व जड़ी बूटियां जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। डाक्टरों की कमी के चलते गांव के वैद्ध इन्ही फूलों व जड़ी बूटियों से बीमारी के उपचार करते थे। बुरांस एक स्वास्थ्य वर्धक पौधा हैं। इसके फूलों से शरबत, जैम, चटनी, हर्बल ग्रीन टी व रंग बनाये जाते हैं। इसमें आयरन, कैल्शियम, जिंक आदि पोषक तत्त्व मिलते हैं। बुरांस का जूस हृदय रोगियों, बुखार, मांसपेशियों व सिर दर्द में लाभकारी होता हैं।


बुरांस का पेड़ इमारती हैं जिनसे कृषि यंत्र बनाये जाते हैं और इसके पत्तों को पशुओं में बिछाते हैं जिससे जैविक खाद बनाई जाती हैं। हमारे पूर्वज छानियों में ठंड से बचने के लिए अपने बिस्तर में इसके पत्तों का प्रयोग करते थे तथा तम्बाकू में बुरांस के पत्तों को मिलाकर पीते थे।बुरांस के पौधें को रोजगार से जोड़कर आर्थिकी के स्रोत बनाया जा सकता हैं। बुरांस के फूल को फूलदेई त्योहार से जोड़ा हैं ताकि इसका संरक्षण हो सके। 
ज्योति कहती हैं कि हमारे जंगलों में उगने वाला बुरांस का फूल आमदानी का अच्छा स्रोत हैं। वही शीला स्वास्थ्य के लिए इसे लाभकारी बतासे हुए इसका उपयोग करने की अपील करती हैं।
गोष्ठी में निकिता, ज्योति, संध्या, आशा, हैप्पी, रीना, आंशिका, पूजा, लक्ष्मी, दीपक, सागर, संदीप, नीरज, राहुल, हिमांशू, कीर्ति, भवानी देवी, सौकिना देवी, सुरजा देवी आदि शामिल थे।

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