शुक्रवार, 4 मार्च 2022

गंभीर प्रवृत्ति के मुकदमे वापसी मामले में सरकार को दिख रहा जनहित: मोर्चा

 गंभीर प्रवृत्ति के मुकदमे वापसी मामले में सरकार को दिख रहा जनहित: मोर्चा       


    
   

# आईपीसी की धारा 321 का सरकार कर रही दुरुपयोग       
# सर्वोच्च न्यायालय भी धारा 321 के दुरुपयोग पर समस्त हाईकोर्ट को दे चुका है निर्देश  
# जालसाजी/ चोरी चकारी/हत्या के प्रयास जैसे मुकदमे लिए सरकार ने वापिस    
# जन आंदोलनों से संबंधित मुकदमा वापसी में सरकार को नहीं दिखता जनहित  
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि कुछ माह पहले सरकार ने धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा व कूट रचित दस्तावेज के आधार पर षड्यंत्र रचने वाले तथा हत्या के प्रयास जैसे मुकदमें  जनहित में दर्शाकर वापस लिए, जोकि सरासर सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है। सरकार द्वारा धारा 321 का दुरुपयोग कर सभी मामले जनहित में दर्शाए गए हैं, जबकि इन मुकदमों का दूर-दूर तक जनहित से कोई वास्ता नहीं है।  नेगी ने कहा कि माह अगस्त 2021 को सर्वोच्च न्यायालय ने सभी प्रदेशों के उच्च न्यायालयों से धारा 321 का दुरुपयोग रोकने के निर्देश दिए तथा यह भी चिंता जताई कि सरकार  जनहित के नाम पर गंभीर प्रवृत्ति के मुकदमे वापस ले रही है, जो कि अनुचित है। सरकार के इस प्रकार के निर्णय से समाज में गलत संदेश जा रहा है ।              
नेगी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि इसी सरकार ने गंभीर प्रवृत्ति के मुकदमे वापस लिए, पूर्ववर्ती सभी सरकारों ने भी ऐसे मुकदमे वापसी मामलों में दिलचस्पी ली थी। सरकार को न्यायालय का सम्मान हर सूरत में करना चाहिए।               
पत्रकार वार्ता में विजयराम शर्मा व वीरेंद्र सिंह भी मौजूद थे।

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