आरटीई के एडमिशन धांधली में शामिल गिरोह की विजिलेंस जांच की मांग
- विभागीय अधिकारियों एवं दलालों ने लूट खाया प्रदेश को
- बंद पड़े स्कूलों को भी दिया जा रहा एडमिशन कोटा
- सेटिंग बाज स्कूलों को जारी किया जाता है मनमाना कोटा
- जरूरतमंद गरीब बच्चों को नहीं मिल पाता दाखिला
- रिश्तेदारों एवं निकट संबंधियों के विद्यालयों पर होती है खास मेहरबानी
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सरकार को पिछले दो-चार साल के दौरान शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत हुए एडमिशन में हुई व्यापक धांधली में शामिल गिरोह का पर्दाफाश करने को विजिलेंस जांच करानी चाहिए, जिससे सरकार को हुई करोड़ों रुपए के नुकसान की भरपाई हो सके एवं दोषी विभागीय अधिकारियों, निजी विद्यालय प्रबंधन एवं इसमें शामिल दलालों के गिरोह को समाप्त किया जा सके। आलम यह है कि खंड स्तर के अधिकारी इमानदारी से विद्यालय संचालित करने वाले विद्यालय प्रबंधकों से एडमिशन के नाम पर मोटी रकम की डिमांड करते हैं तथा मना करने पर उनको कई प्रकार की धमकी दी जाती है तथा इनकी बात न मानने पर एडमिशन कोटा भी कम कर दिया जाता है।
नेगी ने कहा कि विभागीय अधिकारियों, दलालों एवं कई भ्रष्ट निजी विद्यालयों की सेटिंग गेटिंग के चलते इनको मनमाना एडमिशन कोटा जारी हो जाता है एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने रिश्तेदारों एवं निकट संबंधियों के मृत प्राय: एवं बंद पड़े विद्यालयों तक को भी एडमिशन कोटा जारी हो जाता है तथा वहीं दूसरी ओर ईमानदारी से काम करने वाले विद्यालयों को निर्धारित कोटा भी नसीब नहीं हो पाता, जिस कारण क्षेत्र के गरीब बच्चों को आरटीई का लाभ नहीं ,मिल पाता।
मोर्चा सरकार के समक्ष इस व्यापक धांधली की विजिलेंस जांच कराने की मांग रखेगा | पत्रकार वार्ता में- करमचंद चंदेल, राजेंद्र पंवार, भीम सिंह बिष्ट एवं सुशील भारद्वाज मौजूद थे |