खुद बाइक चलाते है और दूसरों को दिखाते है कार का सपना
सेमिनार में सपने बेचने वाली इन कंपनियों के मैसेज से खासकर बेरोजगार युवा सावधान रहें
एजेंसी
नई दिल्ली। अखबार में छपने वाले इन विज्ञापनों पर नजर डालें। घर बैठे महीने का 25 हजार कमाएं। इसके लिए आपके पास केवल लैपटाप और इंटरनेट की सुविधा होनी चाहिए। इस बिजनेस आइडिया को समझ लें और लाखों कमाएं। मात्र 20 हजार देकर आप महीने का 50 हजार कमा सकते हैं। आपने भी इस तरह का विज्ञापन कई बार पढ़ा होगा। ऐसे सपने बेचने वाली कंपनियों के मैसेज से सावधान रहें।
एमएलएम एक मार्केटिंग स्ट्रैटेजी है। इसमें एक कंपनी के मार्केटिंग रिप्रेजेंटेटिव अपनी बिक्री पर और अपनी टीम की बिक्री पर कमीशन लेने के लिए दूसरे सेल्सर्सन की भर्ती करते हैं। एमवे जैसी कंपनियां एमएलएम का हिस्सा हैं। 2001 में पवन मल्लन नाम के व्यक्ति ने नोएडा में Ebiz.com नाम की बिजनेस डेवलेपमेंट कंपनी शुरू की थी। इस कंपनी ने कुछ स्टूडेंट को 17,000 के शुरुआती दाम पर बेसिक कंप्यूटर कोर्स बेचे। फिर उन्हीं स्टूडेंट्स से कहा कि अगर वो ये कोर्स अगले दो लोगों को बेचेंगे तो उन्हें कमीशन मिलेगा। 2019 तक इस कंपनी के साथ 17 लाख स्टूडेंट जुड़ चुके थे।
इसके बाद 2019 में साइबर पुलिस ने पवन मल्लन और उसके बेटे को गिरफ्रतार कर 383 करोड़ रुपए जब्त किए। कंपनी के सारे अकाउंट को प्रफीज कर दिया गया था। Ebiz.com जैसी कंपनियां अधिकतर बेरोजगार युवा, छात्र, या मिडिल क्लास लोगों को पैसिव इनकम का झांसा देकर अपने साथ जोड़ती हैं। Ebiz.com कंपनी शुरुआत से लेकर कंपनी बंद होने तक लोगों से 5 हजार करोड़ रुपए ऐंठ चुकी थी। इस तरह की अलग-अलग कंपनियां अपने ब्रांड इमेज के हिसाब से लोगों को पैकेज बेचकर अपने साथ जोड़ती है। लोग भी यह सोचकर जुड़ जाते हैं कि बाद में उन्हें बहुत फायदा मिलेगा।
युवाओं को टारगेट किया जाता है। एमएलएम को चलाने वाले लोग सिर्फ मजबूर और परेशान युवाओं को ही पकड़ते हैं। स्कीम को ऐसे प्रजेंट किया जाएगा कि आप उसके नुकसान को देख ही नहीं पाएंगे। वो लोग प्यार से कान्टैक्ट करते हैं और युवाओं के सामने महंगे कपड़े और जूतों में दिखाई देते हैं। यह मजबूर युवा के मन में एक यूटोपिया की छवि बनाता है और उन्हें लगने लगता है कि उनके पास भी यह सब होना चाहिए।
ये लोग युवाओं से चाय की टपरी पर नहीं मिलते हैं बल्कि शानदार होटलों में सेमिनार के दौरान युवाओं को बुलाते हैं। इन सेमिनारों में उत्सुक लोगों की भीड़ मिल जाएगी। सभी लोग थ्री पीस सूट में दिखेंगे। सेमिनार में यह बताया जाएगा कि कैसे आप भी मर्सिडीज में घूम सकते हैं। इन सारी प्रोसेस तक ढेर सारे युवा इस जाल में फंस जाते हैं।
एमवे पर ईडी की कार्रवाई डायरेक्ट सेलिंग मल्टी लेवल मार्केटिंग यानी एमएलएम नेटवर्क की आड़ में पिरामिड स्कीम प्रफाड करने की वजह से हुई है। एमवे पर की गई कार्रवाई प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम (बैनिंग) एक्ट के तहत कंपनी के खिलाफ हैदराबाद पुलिस द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर की गई है।
ईडी ने जांच में पाया कि एमवे द्वारा पेश किए जाने वाले ज्यादातर प्रोडक्ट की कीमत खुले बाजार में मौजूद प्रतिष्ठित मैन्युफपैक्चरर के पापुलर प्रोडक्ट्स की तुलना में बहुत ज्यादा है। ईडी का मानना है कि एमवे भोली-भाली जनता को सही जानकारी दिए बिना उन्हें कंपनी से जुड़ने और उसके महंगे प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए प्रेरित करती है, जिससे आम लोग अपनी गाढ़ी कमाई गवां देते हैं।