शहद: असली और नकली की पहचान के तरीके
प0नि0डेस्क
देहरादून। शरीर को फिट रखने से लेकर त्वचा की देखभाल तक शहद के कई फायदे हैं। खासकर सर्दी के मौसम में शहद सेहत के लिए ढाल का काम करता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे शरीर को ठंड सहने की ताकत मिलती है। शहद अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है जैसे कि जीवाणुरोधी, एंटीआक्सिडेंट और एंटिफंगल। शहद का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। शहद में आयरन, कैल्शियम, फास्फेट, सोडियम, क्लोरीन, पोटेशियम और मैग्नीशियम होता है। साथ ही विटामिन बी1 और बी6 भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
लेकिन असली शहद की पहचान क्या है? अगर शहद क्रिस्टलीकृत हो गया है, यानी जम गया है या गाढ़ा हो गया है तो उसे बाहर न फेंके। इसे खाएं यह स्वादिष्ट और पूरी तरह से सुरक्षित है। यदि तापमान 50ह्थ् ;10ह्ब्द्ध से नीचे चला जाता है तो शहद छत्ते में क्रिस्टलीकृत हो जाएगा और यदि आप इसे प्रिफज में रखते हैं तो शहद उस बोतल में क्रिस्टलीकृत हो जाएगा।
एंजाइमों की निरंतर क्रिया के कारण असली शहद जब भी संग्रहीत किया जाता है तो वह गाढ़ा हो जाता है। जबकि नकली या मिलावटी शहद के साथ ऐसा नहीं होता है। इस तरह आप दोनों के बीच आसानी से पहचान कर सकते हैं। शहद को गर्म करके तरल में बदलना आसान है। इसका सबसे अच्छा तरीका है कि शहद को एक कटोरी गर्म पानी में डालें और इसे धीरे-धीरे गर्म होने दें। यह अपने मूल स्वरूप में वापस आ जाएगा।
असली शहद की खूबी यह है कि यह पानी में आसानी से नहीं घुलता है। इसलिए जब शहद को पानी में डालते हैं तो वह नीचे जाकर नीचे जम जाता है। इसे मिलाने के लिए इसे चम्मच से काफी देर तक हिलाना होता है। जबकि शहद नकली होता है तो यह पानी में आसानी से घुल जाता है।
एक कागज पर शहद की कुछ बूंदें डालें और कुछ देर के लिए छोड़ दें। अगर शहद असली है तो यह कागज को गीला नहीं करेगा क्योंकि इसमें नमी बिल्कुल नहीं होती है। वहीं नकली या मिलावटी शहद कागज को गीला करके गिर जाएगा।
थोड़ा सा शहद लें और इसे अपने अंगूठे और तर्जनी के बीच रगड़ें। कुछ देर ऐसा करने के बाद महसूस होगा कि आपकी त्वचा ने थोड़ी मात्रा में शहद को सोख लिया है और बचा हुआ शहद उंगलियों को चिपचिपा नहीं बनाता है। वहीं अगर नकली शहद है, क्योंकि इसमें चीनी होती है तो आप देखेंगे कि यह उंगलियों को चिपचिपा बना देता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि शहद कभी खराब नहीं होता, यह तकनीकी रूप से भी सच है। लेकिन अगर इसे ठीक से नहीं रखा गया तो यह अपनी सुगंध और स्वाद दोनों खो देता है। इसके बाद अगर आप इसका इस्तेमाल करेंगे तो यह न तो स्वाद देगा और न ही इससे सेहत को फायदा होगा। उम्र के साथ शहद का रंग गहरा होता जाता है। इसलिए अगर समय रहते इसका इस्तेमाल किया जाए। तभी यह सेहत के लिए फायदेमंद होगा।