इस बार समय से 10 दिन पहले आ सकता है मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक 21 मई तक केरल तट से टकराने की उम्मीद
एजेंसी
नई दिल्ली। केरल में मानसून 20 मई के बाद किसी भी वक्त आ सकता है, जो इस बार अपने समय से करीब 10 दिन पहले दस्तक देगा। केरल में मानसून का आगमन सामान्यतः 1 जून के आसपास होता है। आईएमडी ने इस आशय के संकेत पुणे स्थित आईआईटीएम में विकसित मल्टी-माडल एक्सटेंडेड रेंज प्रेडिक्शन सिस्टम का उपयोग करके अपने नवीनतम एक्सटेंडेड रेंज फोरकास्ट के जरिए दिए हैं।
आईआईटीएम के एक विशेषज्ञ के हवाले से रिपोर्ट के मुताबिक 1 मई से 5 जून के लिए 4 सप्ताह की विस्तारित सीमा के पूर्वानुमान के अनुसार केरल में मानसून की शुरुआत 20 मई के बाद कभी भी हो सकती है। 28 अप्रैल को जारी पिछले ईआरएफ में भी 19-25 मई की अवधि में केरल में वर्षा की गतिविधियों में वृद्वि का अनुमान लगाया गया था। यदि ईआरएफ अगले सप्ताह भी 20 मई के बाद केरल में इसी तरह की स्थिति दिखाता है, तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि इस तटीय राज्य में मानसून की शुरुआत समय से पहले होगी।
भारत मौसम विभाग का नवीनतम ईआरएफ मई 5-11 (सप्ताह 1), मई 12-18 (सप्ताह 2), मई 19-25 (सप्ताह 3) और मई 26-जून 1 (सप्ताह 4) के लिए है। आईआईटीएम के विशेषज्ञ के मुताबिक अभी के लिए केरल में मानसून के जल्द शुरुआत के संकेत दिखाई दे रहे हैं। पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान बनने जा रहा है। इससे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर मानसून के प्रवाह को मजबूत करने में मदद मिलने की संभावना है। नवीनतम ईआरएफ के अनुसार इस वेदर सिस्टम से तीसरे सप्ताह के आसपास मानसून के प्रवाह में बाधा पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि तब तक यह अपना प्रभाव खो चुका होगा।
मिनिस्ट्री आफ अर्थ साइंसेज के पूर्व सचिव डा0 एम राजीवन के मुताबिक ईआरएफ की सटीकता तीसरे और चौथे सप्ताह में कम हो जाती है, लेकिन यह अब भी इंगित करता है कि एक बार जब चक्रवात भारतीय मुख्य भूमि से दूर चला जाता है, तो वह मानसून की गति बढ़ा सकता है और इसकी धारा धीरे-धीरे केरल तक पहुंच सकती है। इस प्रकार प्रारंभिक संकेत दिखाते हैं कि केरल में मानसून की शुरूआत सामान्य तिथि 1 जून से थोड़ी पहले हो सकती है।
मानसून के केरल में जल्दी आने के मामूली संकेत दिख रहे हैं लेकिन साथ ही यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि अगले 15 दिनों के दौरान तस्वीर कैसे सामने आती है, खासकर बंगाल की खाड़ी के ऊपर उठने वाले चक्रवाती तूफान के बाद। सटीक स्थिति मई के मध्य तक स्पष्ट हो जाएगी, जब आईएमडी आमतौर पर केरल में मानसून की शुरुआत का पूर्वानुमान जारी करता है। आमतौर पर मानसून 15-16 मई तक दक्षिण अंडमान सागर में प्रवेश करता है और 22 मई तक यह पूरे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को कवर करता है।
चक्रवाती तूफान द्वीपों पर मानसूनी हवाओं को स्थापित करने में मदद कर सकता है, जिससे चीजों को गति मिल सकती है। जबकि द्वीपों पर मानसून की शुरुआत भी समय पर हो सकती है, इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि यह समय से पहले (लगभग 15-16 मई) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से टकराए। शुरूआती रुझानों के अनुसार केरल में मानसून समय से पहले दस्तक दे सकता है। ईआरएफ ने यह भी दिखाया कि मई के मध्य के आसपास उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों में हीटवेव की स्थिति का अनुभव हो सकता है।