हंसा-एनजी विमान का हवा में इंजन रीलाइट परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न
प्रमाणन की दिशा में एक अहम कदम
एजेंसी
नई दिल्ली। सीएसआईआर-एनएएल द्वारा विकसित दो सीट डिजाइन वाला उड़ान प्रशिक्षक विमान हंसा-एनजी ने डीआरडीओ की वैमानिकी परीक्षण रेंज (एटीआर) सुविधा चल्लकेरे में इन-फ्रलाइट इंजन रीलाइट परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। भारतीय वायु सेना के विमान और सिस्टम परीक्षण प्रतिष्ठान (एएसटीई) के परीक्षण पायलट विंग कमांडर केवी प्रकाश और विंग कमांडर एनडीएस रेड्ढी द्वारा 60 से 70 समुद्री मील की गति सीमा के साथ 7000-8000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान परीक्षण किया गया।
विंड मिलिंग प्रोपेलर और स्टार्टर असिस्टेड स्टार्ट के साथ विमान की इन-फ्रलाइट इंजन रीलाइट क्षमता का प्रदर्शन किया गया। इन परीक्षण उड़ानों के दौरान विमान संचालन लक्षण और उड़ान मानक सामान्य पाए गए।
सीएसआईआर-एनएएल ने इस बात का जिक्र किया है कि डीजीसीए द्वारा विमान के प्रमाणन की दिशा में इन-फ्रलाइट इंजन रीलाइट परीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण और अहम है। डीजीसीए से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद विमान को एटीआर चल्लकेरे के लिए रवाना किया गया था। उड़ान परीक्षणों की निगरानी हंसा के परियोजना निदेशक अब्बानी रिंकू, सीएसआईआर-एनएएल की डिजाइन टीम और एएसटीई से उड़ान परीक्षण दल के साथ-साथ विंग कमांडर सेंथिल कुमार, उड़ान परीक्षण निदेशक, स्क्वाड्रन लीडर साहिल सरीन, सुरक्षा पायलट और ग्रुप कैप्टन एम रंगाचारी, मुख्य परीक्षण पायलट ने की।
जितेंद्र जे जाधव निदेशक सीएसआईआर-एनएएल ने सीएसआईआर-एनएएल, डीजीसीए, एएसटीई-आईएएफ और एडीई-डीआरडीओ की टीमों को बधाई दी और कहा कि एकीकृत टीम के संयुक्त और समन्वित प्रयासों के परिणामस्वरूप परीक्षण उड़ानों का कार्य संपन्न हुआ।